बदलता परिवेश और रहन-सहन शहर में मधुमेह के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा कर रहा है। खान-पान पर नियंत्रण न होना भी इसके लिए जिम्मेदार है। दीपावली के बाद विभिन्न अस्पतालों में जांच के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। समाज में तेजी से पांव पसारते इस बीमारी का घरेलू उपचार भी कारगर है।
मधुमेह में जामुन राम बाण है। आयुर्वेद में भी किसी दवा का इसके बगैर निर्माण नहीं होता है। उन्होंने बताया कि मधुमेह के मरीजों को जामुन के फल के साथ सुबह तुलसी की पांच पली और काली मिर्च का सेवन करना चाहिए। यह बेहद कारगर साबित होगा। आयुर्वेद में मधुमेह नाशक औषधि में जामुन और कैथ का विशेष उल्लेख है। यह दोनों मधुमेह को नष्ट कर यकृत को पेन्क्रियाज को इंसुलिन बनाने में सहायता प्रदान करती हैं। मधुमेह के रोगियों को इनका सेवन तत्काल और बड़ी सहायता देने में सहायक हैं।
लक्षण
मधुमेह होने के कई लक्षण रोगी को स्वयं अनुभव होते हैं।
1. बार-बार रात के समय पेशाब आते रहना।
2. आंखों से धुंधला दिखना।
3. थकान और कमजोरी महसूस करना।
4. पैरों का सुन्न होना।
5. प्यास अधिक लगना।
6. घाव भरने में समय लगना।
7. हमेशा भूख महसूस करना।
8. वजन कम होना।
9. त्वचा में संRमण होना।
10. मूत्र बार-बार एवं अधिक मात्रा में होना तथा मूत्र त्यागने के स्थान पर मूत्र की मिठास के कारण चीटियां लगना।
11. शरीर में फोड़े-फुंसी होने पर उसका घाव जल्दी न भरना।
12. शरीर पर फोड़े-फुंसियां बार-बार निकलना।
13. शरीर में निरन्तर खुजली रहना एवं दूरस्थ अंगों का सुन्न पड़ना
मधुमेह या डायबिटीज का घरेलु उपचार
तुलसी के पत्ते: तुलसी के पत्तों में ऐन्टीआक्सिडन्ट और ज़रूरी तेल होते हैं जो इजिनॉल, मेथिल इजिनॉल और कैरियोफ़ैलिन बनता है। ये सारे तत्व मिलकर इन्सुलिन जमा करने वाली और छोड़ने वाली कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। इससे इन्सुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है। एक और फ़ायदा ये है कि पत्तियों में मौजूद ऐन्टीआक्सिडन्ट आक्सिडेटिव स्ट्रेस संबंधी कुप्रभावों को दूर करते हैं।
नुस्खा: शुगर लेवल को कम करने के लिए दो से तीन तुलसी के पत्ते खाली पेट लें, या एक टेबलस्पून तुलसी के पत्ते का जूस लें।
पटसन के बीज: इनमें फाइबर सामग्री बहुल मात्रा में पाई जाती है जो पाचन में तो मदद करते ही हैं साथ ही फैट और शुगर के अवशोषण में भी सहायक होते हैं। पटसन के बीज खाने से मधुमेह से ग्रसित मरीजों में शुगर की मात्रा 28 प्रतिशततक कम होती है।
नीलबदरी के पत्ते: मधुमेह को रोकने के लिए इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में सदियों से हो रहा है. जर्नल ऑफ़ न्यूट्रीशन ने कहा है कि इसकी पत्तियों में एंथोसियानीडीनस भारी मात्रा में मौजूद होते हैं जो चयापचय की प्रक्रिया और ग्लूकोज़ को शरीरके विभिन्न भागों में पहुंचाने की प्रक्रिया को समृद्ध करता है। अपने इस ख़ास गुण के कारण नीलबदरी के पत्ते ब्लड शुगरलेवल को कम करने में काफी कारगर होते हैं।
दालचीनी: ये इन्सुलिन की संवेदनशीलता को सुधारने के साथ-साथ ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को भी कम करता है। अगर सिर्फ आधी चम्मच दालचीनी रोज़ ली जाए तो इन्सुलिन की संवेदनशीलता को सुधारा और अपने वज़न को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे ह्रदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है।
नुस्खा: लगभग एक महीने के लिए अपने रोज़ के आहार में एक ग्राम दालचीनी का इस्तेमाल करें, इससे ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद मिलेगी।
ग्रीन टी: ग्रीन टी में पॉलीफिनोल्स होते हैं जो एक मज़बूत एंटी-ऑक्सीडेंट और हाइपो-ग्लाइसेमिक तत्व हैं, इससे ब्लड शुगर को रिलीज़ करने में मदद मिलाती है और शरीर इन्सुलिन का सही तरह से इस्तेमाल कर पाता है।
सहजन के पत्ते: इसे मोरिंगा भी कहते हैं, इसके पत्तों में इसमें दूध की तुलना में चार गुना कैलशियम और दुगना प्रोटीन पाया जाता है। मधुमेह के मामलों में इन पत्तों के सेवन से भोजन के पाचन और रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है।
इसबगोल: पानी में मिलने के बाद इसबगोल की भूसी ‘जेल’ जैसा तत्व बनाती है जिसका सेवन ब्लड ग्लूकोज़ के अवशोषण और भोजन के पाचन को सुगम बनाता है। ये अल्सर और एसिडिटी से भी बचाता है।
करेला: करेले में इन्सुलिन-पोलिपेपटाइड होता है, ये एक ऐसा बायो-कैमिकल तत्व है जो ब्लड-शुगर को कम करने में उपयोगी है।
नुस्खा : हर हफ्ते कम से कम एक बार करेले की सब्जी या कढी ज़रूर लें. अगर आप जल्द असर चाहते हैं तो तीन दिनमें एक बार खाली पेट करेले का जूस लें।
नीम: देश में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले नीम के पत्ते स्वाद में कडवे होते हैं पर इनमें बहुत सी खासियतें हैं। नीम इन्सुलिन रिसेप्टर सेंसिटिविटी बढाने के साथ साथ शिराओं व धमनियों में रक्त प्रवाह को ठीक करता है और हाइपो ग्लाय्केमिक ड्रग्स पर निर्भर होने से बचाता है।
नुस्खा: बेहतर नतीजों के लिए नीम के पत्तों का जूस रोज़ सुबह खाली पेट लें।
काला जामुन: ये ब्लड-शुगर को कम करने में मदद करता है और ह्रदय संबंधी बीमारियों से शरीर को दूर रखता है।







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